Support RYC गरीब महिलाओं को सिलाई का हुनर देकर आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम
Story
मेरा नाम इजाज आलम है, मैं बिहार के कटिहार जिले के एक छोटे से गाँव से आता हूँ—जहाँ गरीबी सिर्फ एक हालात नहीं, बल्कि हर दिन की हकीकत है। इस गाँव की महिलाएं बेरोजगारी से जूझ रही हैं, बच्चे आज भी शिक्षा जैसी बुनियादी ज़रूरतों से वंचित हैं। जब मैंने ये सब रोज देखा, तो मन में बेचैनी और बदलाव की ललक जागी। मैंने तय किया कि कुछ करना होगा—और यहीं से RYC Foundation की नींव रखी गई।
मैं अभी इंटरमीडिएट का छात्र हूँ, लेकिन जीवन की कठिनाइयों ने मुझे समय से पहले परिपक्व बना दिया। माँ को रातों को रोते देखा है, जब घर में खाने को कुछ नहीं होता था। इसी दर्द ने मुझे सिखाया कि बदलाव की शुरुआत हमें ही करनी होगी। RYC Foundation, एक रजिस्टर्ड संस्था के तौर पर, अब ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन पर है।
हमारा सपना है—एक ऐसा समाज जहाँ हर महिला आत्मनिर्भर हो, जहाँ कोई माँ अपने बच्चे को भूखा न सुलाए, और हर घर में सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन जिया जा सके। इसके लिए हम 20 गरीब और विधवा महिलाओं को तीन महीने का सिलाई प्रशिक्षण देना चाहते हैं, ताकि वे खुद का रोजगार शुरू कर सकें।
हर महिला के प्रशिक्षण पर ₹14,000 का खर्च आएगा और कुल बजट ₹3,00,000 है। इस ट्रेनिंग में सिलाई, डिज़ाइनिंग, और छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने की स्किल्स सिखाई जाएंगी।
हमारा लक्ष्य सिर्फ हुनर देना नहीं, बल्कि उम्मीद लौटाना है। आपकी छोटी सी मदद किसी माँ की सूनी आंखों में चमक ला सकती है, किसी बच्चे को भूखे पेट सोने से रोक सकती है, और किसी परिवार को एक नई शुरुआत दे सकती है।
आपका साथ हमारे लिए सिर्फ सहयोग नहीं, एक नई रौशनी है।
इस पहल का हिस्सा बनें, और हमारे साथ मिलकर एक ऐसे समाज की नींव रखें जहाँ हुनर से हर महिला मजबूत हो, और हर बच्चा सपने देख सके।
क्रम संख्या | खर्च का विवरण | खर्च |
1 | सिलाई मशीन की व्यवस्था | 120000 |
2 | कपड़े और आवश्यक सिलाई सामग्री | 65000 |
3 | ट्रेनिंग / कौशल विकास प्रशिक्षण का खर्च | 100000 |
4 | प्रचार प्रसार एवं अन्य खर्चे लगभग | 15000 |
Total Amount (including Aidfy Platform Charge/-) | 3,00,000 |
Name | Donate Amount | Date |
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